क्या Alcohal परोसना है एयरलाइंस की मजबूरी, ये आंकड़े देख चौंक जाएंगे
एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला पर पेशाब करने वाला मामले के 10 दिन बाद ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. पेरिस से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में एक नशे में धुत शख्स ने महिला यात्री के कंबल पर पेशाब कर दी. अधिकारियों के अनुसार, शख्स के लिखित में माफी जारी करने के बाद इस मामले में कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है.
बीते साल 26 नवंबर को एक शख्स ने एयर इंडिया की फ्लाइट में महिला यात्री के सामने आपत्तिजनक हरकत करत हुए पेशाब कर दी थी. इस घटना के करीब एक हफ्ते बाद ही कंबल पर पेशाब करने का मामला सामने आया था. इन दोनों घटनाओं के सुर्खियों में आने के बाद से ही सोशल मीडिया पर बहस खड़ी हो गई है कि आखिर कुछ अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में शराब क्यों परोसी जाती है?सोशल मीडिया पर छिड़ी बड़ी बहस
दरअसल, बीजेपी के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने इस पर सवाल खड़ा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘मैं कभी ये बात समझ नहीं पाया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में एयरलाइंस शराब क्यों परोसती हैं?’ उनके इस सवाल पर सोशल मीडिया में बहस छिड़ गई. कई यूजर्स इस सवाल पर अपनी नाराजगी जता रहे हैं.
ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है कि फ्लाइट्स में शराब परोसा जाना बंद करना चाहिए. लोग इसकी वजह से जमीन पर नहीं संभल पा रहे हैं. उड़ान भरना तनाव देने वाला होता है, शराब के साथ मिलने पर ये और मुश्किल हो जाता है. शराब पीने से हालात हाथ से बाहर हो जाते हैं और इस मामले में पैंट से बाहर हो गए हैं.एक यूजर ने लिखा है कि शुक्र है, प्राइवेट एयरलाइंस के शुरुआती दौर में ही कई ऐसे मामले सामने आने के बाद भारत में डोमेस्टिक फ्लाइट में शराब परोसे जाने पर प्रतिबंध लग गया था.
80 फीसदी से ज्यादा यात्री पीते हैं शराब – शोध
टाइम्स नाउ की एक रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा की एक संस्था ने शोध में बताया है कि उड़ान भरने के दौरान ज्यादातर यात्री शराब पीते हैं. इस शोध के मुताबिक, एयरपोर्ट पर इंतजार करने के दौरान 80 फीसदी से ज्यादा यात्री शराब पीते हैं. वहीं, उड़ान के दौरान ये आंकड़ा 90 फीसदी से ज्यादा हो जाता है.
शोध के अनुसार, 80 और 90 के दशक में जन्मे लोग फ्लाइट के दौरान बुजुर्ग यात्रियों की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा शराब पीते हैं. हाल के कुछ सालों में इस तरह के मामलों में बहुत तेजी आई है. जिनमें लड़ाई-झगड़े, तेज आवाज में बहसें और यौन हमले की घटनाएं शामिल हैं. इनमें से कई के लिए शराब भी जिम्मेदार है.
मिडिल ईस्ट की फ्लाइट्स में नहीं मिलती शराब
विदेशी एयरलाइंस में शराब की उपलब्धता पूर्ण प्रतिबंध से लेकर कॉम्प्लीमेंट्री ड्रिंक के तौर पर होती है. मिडिल ईस्ट की एयरलाइंस में फ्लाइट के दौरान शराब नहीं परोसी जाती है. इनमें रॉयल ब्रूनेई एयरलाइंस, सऊदी अरेबियन एयरलाइंस और इजिप्ट एयर शामिल हैं. वहीं, डोमेस्टिक एयरलाइंस (उदाहरण के तौर पर तुर्किश एयरलाइंस और चीन की एयरलाइंस) में भी शराब नहीं परोसी जाती है. हालांकि, डोमेस्टिक एयरलाइंस में शराब परोसे जाने के मामले में बिजनेस क्लास और फर्स्ट क्लास अपवाद के तौर पर हैं. जिनमें ड्रिंक्स की कीमत आपकी टिकट में पहले से ही जुड़ी होती है और ज्यादातर एयरलाइंस इसके लिए पैसे लेकर शराब परोसती हैं.
यात्री को उड़ान भरने से रुकवा सकती है ज्यादा शराब
बार और रेस्तरां में इस्तेमाल किया जाने वाला ट्रैफिक लाइट सिस्टम बताता है कि हरा निशान ग्राहक को सोशल ड्रिंकर बताता है. पीला निशान ग्राहक में कम हुई हिचकिचाहट और खराब व्यवहार को दर्शाता है. वहीं, लाल निशान को फ्लाइट अटेंडेंट्स शराब के बारे में जानकारी देने के लिए इस्तेमाल करते हैं. जो हालात बिड़गने का इशारा है. यात्रियों को पीले निशान पर पहुंचने के बाद उड़ान भरने से रोका जा सकता है.
आखिर शराब परोसी क्यों जाती है?
लेकिन, सवाल ये है कि आखिर एयरलाइंस फ्लाइट्स के दौरान शराब परोसती क्यों हैं? इसके बारे में कोई आधिकारिक जवाब नहीं है, लेकिन जब हवाई यात्रा को लेकर बात की जाती है, तो इसे लेकर बहुत से कारण हैं. फ्लाइट्स के दौरान रोते हुए बच्चे, देरी से उड़ी फ्लाइट, कम हवा के दबाव, लंबी दूरी की उड़ानों या चिड़िचिड़ाहट की वजह से कई बार प्रेशर प्वाइंट्स बन जाते हैं.
शराब परोस कर पैसे कमाती हैं एयरलाइंस
एयरलाइंस फ्लाइट के दौरान शराब परोस कर पैसे कमाती हैं. इसे एक शांत करने वाले पेय के तौर पर परोसा जाता है और चाय या कॉफी के जितनी ही भारी होती है. आसान शब्दों में कहें, तो एयरलाइंस अपने यात्रियों को शराब परोस कर उन्हें शांत रखने की कोशिश कता हैं. हालांकि, फ्लाइट्स के दौरान पी गई शराब का असर उतरने के दौरान तक कम नहीं होता है. विशेषज्ञों का कहना है कि शरीर में कम ऑक्सीजन लेवल की वजह से शराब का असर बहुत जल्दी होता है.