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सूरत को भी पीछे छोड़ रही नालंदा की साड़ी मंडी

बिहार शरीफ का सोहसराय साड़ी मंडी इन दिनों सूरत को भी पीछे छोड़ रहा है. सोहसराय में बिकने वाली साड़ी को लेकर बिहार, झारखंड , बंगाल और उत्तर प्रदेश में काफी चर्चाएं बढ़ गई है. प्रतिदिन यहां दूर दूर से व्यापार करने के लिए व्यापारी पहुंचते हैं जिसके कारण यहां प्रत्येक दिन करोड़ों रुपये का कारोबार होता है. साड़ी के लिए देश में सबसे बड़ा बाजार गुजरात के सूरत में माना जाता था, लेकिन अब उसी की तर्ज पर नालंदा के सोहसराय मंडी सूरत को पीछे छोड़ रहा है.

देश के विभिन्न कोनों में बिहार की इन साड़ियों का सप्लाय
बताया जाता है कि यहां 50 रुपये से लेकर बीस हजार रुपये तक की बनारसी साड़ी मार्केट में उपलब्ध है. यहां अलग-अलग राज्य के व्यापारी पहुंचकर साड़ी की खरीदी करके ले जाते हैं और अपने इलाके में इसे थोक और खुदरा भाव में बेचते हैं. यहां के दुकानदार कालीचरण ने बताया कि शुरुआती दौर में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अब यहां का बाजार पूरी तरह से जम चुका है. इसके कारण सोहसराय में छोटी-बड़ी कुल 200 से भी अधिक साड़ी की दुकान है.
सभी दुकानों में अलग-अलग क्वालिटी की साड़ियां बेची जाती हैं जिसके कारण प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में व्यापारी देश के अलग-अलग राज्य से पहुंचते हैं. अपने अपने इलाके के हिसाब से साड़ी की खरीदारी कर यहां से ले जाते हैं. बता दें कि यह साड़ी मंडी में सूती साड़ी, बनारसी साड़ी, सिल्क साड़ी, सिंथेटिक साड़ी, लहंगा, दुल्हन साड़ी समेत अन्य साड़ी काफी अधिक मात्रा में है. सिल्क साड़ी, सूती साड़ी, खादी की साड़ियां लोकल स्तर पर है इसका निर्माण कराया जाता है.
साड़ियों से काफी अच्छा मुनाफा

व्यापारी शंभू नाथ ने बताया कि पहले हम लोग सूरत से अपना व्यापार करते थे. अब बिहारशरीफ के सोहसराय में सूरत से भी कम कीमत में साड़ी मिलने के कारण हम लोग प्रत्येक 15 दिन पर यहां आते हैं. अलग-अलग साड़ी की क्वालिटी खरीद कर अपने साथ झारखंड ले जाते हैं. यहां की साड़ी से अच्छा मुनाफा भी होता है जिसके कारण पूरे परिवार का भरण पोषण होता है. वहीं सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इलाका काफी सेफ जोन माना जाता है क्योंकि साड़ी मंडी के बगल में सोहसराय थाना है. पुलिस इलाके में हमेशा मुस्तैद रहती है जिसके कारण कभी भी कोई व्यापारी के साथ कोई भी अप्रिय घटना नहीं घटी है.

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